Joo Hum Keh Naa Sakey e-bog
25,00 DKK
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About the book:जो हम कह ना सके, एक कवि हृदय की वो रचनायें हैं, जो वो मुखर हो कर नही कह पाया। इसलिए उसकी कलम से ये हृदय छन्द उमड़ पड़े।सच्चे हृदय की आत्मिक अनुभूतियाँ, भावनायें उकेरी हैं इस संक्षिप्त कविता संग्रह में कवि ने।कुछ हल्के, कुछ बोझिल, कुछ प्रेम रस से सराबोर, कुछ प्रेमिका का अद्भुत व्यख्यान, कुछ शिकायत, कुछ मिन्नत।अपनी संकोची कलम से अपनी भावनाओ को प्रस्तुत किया है कवि ने। वो भावनाएं जो शायद होती तो सभी...
E-bog
25,00 DKK
Forlag
Pencil
Udgivet
1 februar 2022
Længde
45 sider
Genrer
Poetry
Sprog
Hindi
Format
epub
Beskyttelse
LCP
ISBN
9789356101760
About the book:
जो हम कह ना सके, एक कवि हृदय की वो रचनायें हैं, जो वो मुखर हो कर नही कह पाया। इसलिए उसकी कलम से ये हृदय छन्द उमड़ पड़े।
सच्चे हृदय की आत्मिक अनुभूतियाँ, भावनायें उकेरी हैं इस संक्षिप्त कविता संग्रह में कवि ने।
कुछ हल्के, कुछ बोझिल, कुछ प्रेम रस से सराबोर, कुछ प्रेमिका का अद्भुत व्यख्यान, कुछ शिकायत, कुछ मिन्नत।
अपनी संकोची कलम से अपनी भावनाओ को प्रस्तुत किया है कवि ने। वो भावनाएं जो शायद होती तो सभी में हैं, पर शायद ही सबको कहने का मौका मिलता हो। बस ये ही है इसकी दास्तान।
हृदय से लिखी, हृदय से प्रस्तुत।